शुभांशु शुक्ला - देश का गर्व आ रहा है 15 जुलाई को भारत माँ के आँचल में... Shubhanshu Shukla - Desh ka garv aa raha hai 15 july ko Bharat maa ki aanchal me...
अंतरिक्ष में 18 दिनों तक वैज्ञानिक प्रयोग करने के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन अन्य साथी वापस आने को तैयार हैं. उन्हें आईएसएस में फेयरवेल दे दिया गया है. एक्सिओम-4 मिशन का यह दल सोमवार को पृथ्वी पर वापसी की तैयारी कर रहा है.
देश का गर्व आ रहा है अपनी धरती पर...
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष प्रवासी शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई को धरती पर लौट आएंगे. रविवार 13 जुलाई को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर शुभांशु शुक्ला का फेयरवेल पार्टी मनाई गई. शुभांशु शुक्ला ने दुनिया को बताया कि अंतरिक्ष से भारत कैसे दिखता है?. फेयरवेल पार्टी में शुभांशु शुक्ला ने कहा कि यह एक अद्भुत यात्रा रही. उन्होंने इस यात्रा के लिए अपने साथियों के साथ-साथ NASA, एक्सिओम मिशन के साथ भारत सरकार और देशवासियों का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इस यात्रा से मुझे बहुत कुछ अनुभव मिला. मैं यहां से बहुत कुछ लेकर जा रहा है. हिंदी में दिए भाषण में उन्होंने कहा कि कमाल की यात्रा रही है. अब मेरी यात्रा खत्म होने वाली है. लेकिन आपकी और मेरी यात्रा बहुत लंबी है. हमारी स्पेस मिशन की जो यात्रा है वो बहुत लंबी है और बहुत कठिन भी है. लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अगर हम निश्चय कर ले तो अंतरिक्ष में और आगे यात्रा संभव है.
अंतरराष्ट्रीय
अंतरिक्ष स्टेशन ISS से ग्रुप
कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही. यह एक जादू की तरह
महसूस हुई. अंतरिक्ष से आज का भारत महत्वाकांक्षी, निडर, आत्मविश्वासी
और गर्व से भरा हुआ दिखता है. उन्होंने 1984 स्पेस ओडिसी
से राकेश शर्मा के प्रतिष्ठित शब्दों को दोहराते हुए कहा कि अंतरिक्ष से भारत आज
भी 'सारे जहाँ से अच्छा' दिखता है.
शुभांशु शुक्ला
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले भारत के पहले और अंतरिक्ष
में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं.
शुभांशु शुक्ला ने अब तक अंतरिक्ष में 18
दिन बिताए हैं, जहां वे प्रतिदिन 16
बार सूर्योदय और सूर्यास्त देख रहे थे. ISS पृथ्वी से लगभग 400
किमी ऊपर 28,000 किमी प्रति घंटे की
रफ्तार से घूमता है.
मंगलवार को कैलिफोर्निया लैंड पर लैंडिंग होगी....
भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि वह अपने साथ बहुत सारी यादें और सीख लेकर जा रहे हैं, जिन्हें वह अपने देशवासियों के साथ साझा करेंगे. एक्सिओम-4 मिशन सोमवार को ISS से अलग होगा और इसके मंगलवार को कैलिफोर्निया तट पर उतरने की उम्मीद है.
दिल से आदर्श - राकेश शर्मा को याद किया...
उन्होंने कहा,
'यह एक शानदार यात्रा रही है. अब यह यात्रा फ़िलहाल के लिए समाप्त हो रही है. हमारी मानव अंतरिक्ष उड़ान की यात्रा बहुत लंबी
है. यह कठिन भी है.' उन्होंने एक संस्कृत वाक्यांश कहते हुए कहा,
'लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अगर हम ठान लें, तो तारे भी पाए जा सकते हैं.” अपने आदर्श राकेश
शर्मा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 41 साल
पहले एक भारतीय ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी और बताया था कि वहां से भारत कैसा
दिखता था.
मुझे गर्व है कहते हुये 'सारे जहां से अच्छा' भारत मेरा...
उन्होंने कहा, 'हम सभी आज भी यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आज का भारत ऊपर से कैसा दिखता है. आज का भारत महत्वाकांक्षाओं से भरा दिखता है. आज का भारत निडर दिखता है, आज का भारत आत्मविश्वास से भरा दिखता है. आज का भारत गर्व से पूरा दिखता है. इसलिए मैं एक बार फिर कह सकता हूं कि आज का भारत आज भी 'सारे जहां से अच्छा' दिखता है. जल्दी ही धरती पर मुलाकात करते हैं.”
शुभांशु शुक्ला
ने इस मिशन को संभव बनाने वाले लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होने कहा,
'अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद लोगों ने इसे अविश्वसनीय बना दिया है. आप जैसे पेशेवरों के साथ काम करना मेरे लिए खुशी
की बात थी....
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