निमिषा प्रिया की फांसी टली - जीने की उम्मीद बढ़ी ... Nimisha Priya ki Fansi Tali - Jine ki Ummid Badhi
यमन में मौत की सज़ा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया कि यमन के स्थानीय प्रशासन ने 16 जुलाई 2025 को होने वाली उनकी मौत की सज़ा का दिन फिलहाल टाल दिया है...
केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा
प्रिया को यमन में होने वाली फांसी की सजा टल गई है. निमिषा प्रिया पिछले आठ
वर्षों से यमन की जेल में बंद है. निमिषा को 16 जुलाई
को अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में फांसी की सजा दी
जानी थी. केरल के प्रभावशाली सुन्नी मुस्लिम नेता कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार और
भारत सरकार के हस्तक्षेप से हो रही बातचीत के बाद यमन के अधिकारियों ने
निमिषा की सजा स्थगित कर दी है. यमन के शेख हबीब को बातचीत के लिए मुफ्ती मुसलियार ने मनाया. ऐसा भी पहली बार
हुआ है जब पीड़ित परिवार का कोई करीबी सदस्य बातचीत को तैयार हुआ है.
मौत की सज़ा होने के बाद निमिषा के परिवार ने भारत सरकार से इस मामले में सक्रिय होने की गुहार लगाई थी. इसके बाद सरकार की तरफ़ से परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया गया था. हाल के दिनों में सरकार ने परिवार को दूसरे पक्ष से आपसी सहमति से समाधान का समय मिले, इसके लिए लगातार प्रयास किए. मामले की संवेदनशीलता के बीच भारतीय अधिकारी यमन के जेल प्रशासन कार्यालय के संपर्क में बने रहे, जिससे यह मौत की सज़ा का दिन फ़िलहाल टल गया है.
इंसानियत की खातिर माफी की मांग - कांथापुरम बोले...
मुफ्ती कांथापुरम ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा- इस्लाम में हत्या के बदले दीया (हर्जाना) देने का भी
रिवाज है. मैंने उनसे दीया स्वीकार करने की अपील की क्योंकि यहां पार्टी इसके लिए
तैयार है. इस बारे में बातचीत चल रही है. कंथपुरम ने आगे कहा कि निमिषा की मौत की
सजा कुछ दिनों के लिए टाल दी गई है. हमने इंसानियत के नाते उसकी माफी की मांग की
है. अगर ऐसी मांग मान ली जाती है, तो भारत में मुसलमानों के
लिए बहुत आसानी होगी. यहां मुसलमान और हिंदू सभी एक मंच पर रहते हैं.
रियाद से मध्यस्थी -
भारत के पास यमन में दूतावास नहीं है. 2015 में राजनीतिक अस्थिरता के कारण राजधानी सना में भारतीय दूतावास बंद कर
दिया गया था और इसे जिबूती में ट्रांसफर कर दिया गया था. भारत सरकार यमन सरकार से
मुख्य रूप से ‘नॉन-रेजिडेंट राजदूत’ के
जरिए बात करती है. फिलहाल भारत सरकार रियाद में मौजूद राजदूत के जरिए बातचीत कर
रही है.
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