कौन हे कायर ? - ईरान इस्त्रायल सीजफायर ... Iran Israel Ceasefire
डरा इरान? क्या सचमुच सीजफायर हुआ?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इजरायल-ईरान युद्ध समाप्ती की घोषणा की और दोनों देशों से इसका पालन करने की गुजारिश
की है. दोनों देशों का गुस्सा शांत हो चुका है यह कहना जल्दबाजी होगी. सवाल ये भी उठ रहा हैं कि क्या अब ईरान परमाणु हथियार बनाने की जिद छोड़ देगा? क्या अमेरिका
बातचीत के जरिए ईरान को परमाणु कार्यक्रम आगे बढ़ाने की अनुमती देगा?
सीजफायर के ऐलान के बाद भी इजरायल और ईरान एक-दूसरे पर मिसाइलें
दाग रहे थे, लेकिन जब अमेरिका के
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर नाराजगी जताने के अब दोनों देशों
के बीच काफी देर से शांति का माहौल बना हुआ है. इधर चीन ने
ईरान के समर्थन के बारे बयान दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह ईरान के
वास्तवकि सीजफायर का समर्थन करता है.
तीन जून की सुबह इजरायल ने एक ही उद्देश्य के साथ ईरान पर हमला किया था कि
चाहे कुछ भी हो ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना है। इजरायल ने ईरान के
परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, जिन परमाणु ठिकानों को
निशाना बनाना इजरायल के लिए मुश्किल था वहां पर अमेरिका ने बम बरसाए और इस्त्रायल के समर्थन में छलांग लगा दी.
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर लिखा, "बधाई हो सभी को!ईरान और इजरायल ने सीजफायर पर
सहमति बना ली है। सीजफायर 6 घंटे के भीतर शुरू होगा और
ईरान को पहले इसे पालन करना होगा। जैसे ही ईरान सीजफायर का पालन करेगा, अगले 12 घंटे में इजरायल भी इसमें शामिल हो
जाएगा। 24 घंटे बाद औपचारिक तौर पर युद्ध को समाप्त माना
जाएगा.
सीबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने सीधे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत की है और इजरायल ने युद्ध सीजफायर पर सहमति जताई, लेकिन उसने इसके लिए शर्त भी रखी है. इजरायल का कहना है कि ईरान उन पर आगे कोई हमला नहीं करेगा, तभी सीजफायर पर सहमति बनेगी. दूसरी ओर वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि तेहरान युद्ध विराम पर सहमत हो गया है
अचानक की गई सीजफायर की घोषणा
को लेकर भ्रम और संदेह की स्थिति बनी हुई है, एक ईरानी अधिकारी ने बताया कि तेहरान को अमेरिका से कोई औपचारिक प्रस्ताव
नहीं मिला है और उसे इजरायल या वॉशिंगटन के साथ दुश्मनी खत्म करने का कोई कारण
नहीं दिखता. अधिकारी के हवाले से बताया गया कि, "इस समय,
दुश्मन ईरान के खिलाफ आक्रामकता कर रहा है, और
ईरान अपने जवाबी हमलों को तेज करने की कगार पर है, और वो
अपने दुश्मनों का झूठ सुनने को तैयार नहीं है." उन्होंने कहा कि अमेरिका और
इजरायल के नेताओं की टिप्पणियों को ईरान पर आगे के हमलों को सही ठहराने के लिए एक 'धोखा' माना जाएगा.
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