सिंधु जल संधी - भारत की तरफ से फुल स्टॉप बिंदी
सिंधु जल संधी को भारत की तरफ से फुल स्टॉप वाला बिंदु...
सिंधु जल संधि को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है की समज और संभल जाव! भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह सिंधु जल संधि के उल्लंघन का दोष भारत पर डालना बंद करे, क्योंकि पाकिस्तान की सीमा से हो रही निरंतर आतंकवादी गतिविधियां इस संधि मे बाधा बन रही है. सिंधु जल संधि को स्थगित करने के भारत के एक्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने इसे अंतिम रेषा बताया और कहा कि पाकिस्तान पानी से संबंधित मामलों पर कभी भी झुकेगा नहीं. उसने कहा कि पानी पाकिस्तान की रेड लाइन है और हम करोड़ों पाकिस्तानियों के हक़ पर कोई समझौता नहीं होने देंगे.
पाकिस्तानी नौटंकी के खिलाफ भारतीय शिष्टमंडल की स्पष्टवादी
मुहिम
दहशतगर्दों के
खिलाफ भारतीय सेना की कार्रवाई से तिलमिलाए पाकिस्तान
ने खुद को पीड़ित, मासूम बताने के लिए
दुष्प्रचार का सहारा लिया है. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की नृशंस
हत्या हुई. इसके बाद से ही
बीते एक महीने में पाकिस्तान के कई नेता-राजनयिकों ने फोरेन मीडिया
के सहारे भारत के खिलाफ जमकर प्रोपेगेंडा किया है. पाकिस्तान के झूठे प्रयासों के खिलाफ भारत के सांसद बिंदास्त होकर स्पष्ट टिप्पणी कर रहे हैं. भिन्न-भिन्न दलों के होने के बावजूद
सांसदों ने एक स्वर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार की शून्य सहनशीलता की नीति को पूरी दुनिया के सामने स्पष्टता से रखा है.
भारत ने
पाकिस्तान से चलाई जा रहीं आतंकी गतिविधियों को सिंधु जल संधि पर अमल में सबसे बड़ा
रोड़ा बताते हुए कहा कि संधि के उल्लंघन का दोष भारत पर मढ़ने से पाकिस्तान बाज आए. पर्यावरण राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने
दो-टूक कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद को शह देकर इस संधि का उल्लंघन कर रहा है.
जम्मू-कश्मीर के पेहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तान
समर्थित आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या के एक दिन बाद, प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने 1960
में हुई सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया था.
सिंधु जल संधि क्या है?
सिंधु
जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई थी. इसका उद्देश्य था कि दोनों देश सिंधु नदी और
उसकी छोटी नदियों के पानी का आपस में शांति से बंटवारा
करें. इस समझौते की मध्यस्थता वर्ल्ड बैंक ने
की थी. इसके तहत ब्यास, रावी और सतलुज भारत को मिलीं. वहीं पश्चिमी नदियां सिंधु, झेलम और चिनाब पाकिस्तान को दी गईं. भारत अब तक इस समझौते का पालन करता रहा, लेकिन अब यह रसम की कसम पाकिस्तान की
खुजली की वजह से भारत ने तोड़ने का निर्णय लिया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा था कि उनका देश भारत को सिंधु जल संधि स्थगित रखकर तथा लाखों लोगों के जीवन को खतरे में डालकर हद पार करने की अनुमति नहीं देगा. बता दें कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के 80 सदस्य देश व 70 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल थे.
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