पाक का नापाक इरादा - 7000 km.लंबी दुरी मारक मिसाईल वादा...ICBM - pakistan bana raha hai ICBM. 7000-16000 km. lambi duri ka missile : china support

अमेरिका की सीक्रेट एजेंसियों की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान छुपे तौर पर ऐसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) विकसित कर रहा हैजो अमेरिका तक परमाणु हमला करने में सक्षम हो सकती है. यह रिपोर्ट अमेरिकी पत्रिका फॉरेन अफेयर्स में प्रकाशित हुई है और इसमें कहा गया है कि भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने चीन की मदद से अपने परमाणु कार्यक्रम को उन्नत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं.....

पाकिस्तान द्वारा ICBM बनाने की कोशिश न केवल साऊथ एशिया में सामरिक संतुलन को बिगाड़ सकती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए भी गंभीर खतरा बन सकती है. अमेरिका की नजर अब पाकिस्तान की हर गतिविधि पर टिकी है, और आगे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं.

ईन्टरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें अपने नाम के अनुरूप ही एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक मार करने में सक्षम मिसाइलों को कहा जाता है. जैसा कि नाम से ही तय है, ICBM लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम होती हैं. इन्हें कूटनीतिक बैलिस्टिक मिसाइलों के तौर पर भी पहचाना जाता है. इनकी कम से कम रेंज 5500 किलोमीटर तक मानी जाती है. 

सेंटर फॉर आर्म्स कंट्रोल एंड नॉन प्रॉलिफरेशन के मुताबिक, आईसीबीएम की अधिकतम रेंज 7000 किलोमीटर से लेकर 16 हजार किलोमीटर तक हो सकती है. यानी कुछ हथियार दुनिया में कहीं भी किसी भी लक्ष्य को भेद सकते हैं. इन मिसाइलों को अलग-अलग तरीके से लॉन्च किया जा सकता है. अंडरग्राउंड मिसाइल लॉन्चर्स से लेकर ट्रकों या मोबाइल लॉन्चर्स तक. इसके अलावा कुछ देशों ने अपनी आईसीबीएम को ट्रेनों और सबमरीन से लॉन्चिंग की तकनीक भी विकसित की है.

मौजूदा समय में चुनिंदा देशों के पास ही अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) से जुड़ी तकनीक मौजूद है. फिलहाल अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के पास आईसीबीएम मौजूद है। ऐसे में अगर पाकिस्तान इस तकनीक को हासिल कर लेता है तो वह भी दुनिया में एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक मार करने वाली मिसाइलों को बनाने वाला देश बन सकता हैपाकिस्तान ने हमेशा अपने परमाणु कार्यक्रम को भारत के खिलाफ निवारक नीति के रूप में दर्शाया है. फिलहाल उसके पास शाहीन -III जैसी मध्यम दूरी की मिसाइलें हैं, जो अधिकतम 2,700 किमी तक मार कर सकती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान यह मिसाइल अमेरिका पर दबाव बनाने और भविष्य में यदि भारत के साथ संघर्ष होता है, तो अमेरिका को हस्तक्षेप से रोकने के लिए शायद इसे विकसित कर रहा है.

पाकिस्तान न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफरेशन ट्रीटी (NPT) का सदस्य नहीं है, और उसके पास अनुमानित तौर पर 170 परमाणु हथियार हैं. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी IAEA से मांग की है कि वह पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार की सख्ती से निगरानी करे. राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान जैसे अस्थिर देश पर परमाणु हथियार रखने का भरोसा नहीं किया जा सकता.

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