किराना हिल्स वजह से हो गयी सीजफायर डील - पाकिस्तान हो जाता उसी दिन नील .... Ceasefire deal happened because of Kirana Hills - Pakistan would have become Nil on the same day
पाकिस्तान में जलजला था आया - भारत ने ही बचा लिया...
आतंकीस्थान पाक के किराना हिल्स में भारतीय बेलेस्टिक मिसाइल हमले में न्युक्लियर अड्डे पे लिक हो गया था जो जमींन के निचे सौ मीटर से ज्यादा गहराइ में स्थित है. और ईस महान देश के पास न्युक्लियर लिक को रोकने की कोई आइडिया या सामग्री उपलब्ध नही थी तो आनन-फानन में डबल ढोल अमेरिका से संपर्क साधा गया .ढोल ने तुरंत अपनी टेक्नीकल टीम भेजकर न्युक्लियर लिक ऊपर वातावरण की हवा में फैलने से पहले अन्दर ही छोटे छोटे ब्लास्ट करवाए जिस वजह से उस इलाके में रिश्टर स्केल पर २.४ से ३.५ के झटके महसूस हुए. सोचो! अगर गलती से भी न्युक्लियर लिक बाहर आकर हवा में मिल जाता तो इस भूके नंगे देश का क्या होता?
भारत यह सब जानता था, लेकिन चुप्पी साधने में बड़ी कूटनीति थी भारत चाहता तो उसी दिन पाकिस्तान का फैसला उसी के न्युक्लियर लिक का फायदा उठाकर कर सकता था. लेकिन तभी पाकिस्तान भागा-भागा अपने ढोल बाप अमेरिका के पास जाकर भारत से सीजफायर करने की याचना की मांग की जिसे भारतने कुछ शर्तों पर मान्य किया, नही तो पाकिस्तान की उसी दिन निकल पड़ी थी...
दुनिया के लिए है पाकिस्तान एक सरदर्द - दर्द को मिटाना जरुरी है...
दुनिया ने राहत की सांस इसलिए ली है क्योंकि सिर्फ एक ग्राम प्लूटोनियम किसी भी शहर को धीमी मौत के कुएं में धलेकलने के लिए काफी है। ऐसे में कल्पना करके सोचिए कि अगर यही प्लूटोनियम, पाकिस्तान के सबसे विवादित परमाणु टेस्ट साइट "किराना हिल्स" में लीक हो रहा हो... तो क्या हो सकता है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत के हवाई हमलों के दौरान किराना हिल्स में बम गिरे हैं, जिससे न्यूक्लियर रेडिएशन शुरू हो गया है. हालांकि भारत और पाकिस्तान, दोनों ने किराना हिल्स में हमले के दावे को सिरे से खारिज कर दिया था,लेकिन गुप्त सूत्रों द्वारा प्राप्त जन्करिसे यह अनुमान लगा सकते है की दाल में जरुर कुछ काला है या शायद पूरी दाल ही...
भारत की मिसाइलों ने पाकिस्तान के सरगोधा में किराना हिल्स पर हमला किया था. इन खबरों में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान रेडियोधर्मी घटना होने की बात कही गई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया के एक सवाल के जवाब में IAEA के प्रेस विभाग के फ्रेडरिक डाहल ने कहा कि "हमें इन खबरों के बारे में पता है. IAEA के पास मौजूद जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के किसी भी परमाणु ठिकाने से कोई रेडिएशन लीक नहीं हुआ है."
KBKK - खबर बाल की खाल
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