#बॉयकॉट तुर्की & अजरबैजान - जिन्होंने मदत की लेने भारतीयों की जान - Boycott Turkey & Azerbaijan - who helped take the lives of Indians
तुर्क शायद बन गए है मुर्ख.....
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के चलते पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत किया है, फ़िलहाल पाकिस्तान दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा रहा है. जबकि भारत और पाकिस्तान में सीजफायर हो चुका है, लेकिन सरकार के हिसाब से आतंक के खिलाफ ये ऑपरेशन अब भी जारी है. इस स्थिती में पाकिस्तान को तुर्की और अजरबैजान ने समर्थन दिया था. पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए तुर्की के 350 से ज्यादा ड्रोन का इस्तेमाल किया था.
भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को न सिर्फ सशस्त्र ड्रोन उपलब्ध कराए, बल्कि उनके संचालन के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर भी भेजे थे इससे तुर्की का पाकिस्तान प्यार खुलकर सामने आ गया है. सीजफायर के बाद पाकिस्तान के इस दोस्त के खिलाफ भारत में विरोध शुरू हो गया है और बॉयकॉट तुर्की मुहिम जोर पकड़ने लगी है. पाकिस्तान का साथ देना तुर्की को भारी पड़ता नजर आ रहा है. भारत में बायकॉट तुर्की-अजरबैजान की मुहिम तेज हो गई है और इसका परिणाम भी दिखने लगा है. एक ओर जहां व्यापारियों ने तुर्किश सेब का बहिष्कार शुरू किया है, तो ट्रैवल प्लेटफॉर्म ने तुर्की, अजरबैजान की यात्रा न करने की अपील की है.
भारत का बॉयकॉट - दे दिया हेड को बिग शॉट
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ईज माई ट्रिप ने एक एडवायजरी जारी कर पर्यटकों से सिर्फ बेहद जरूरी होने पर ही
तुर्किये और अजरबैजान जाने को कहा। कंपनी के संस्थापक निशांत पिट्टिये ने कहा, "पहलगाम हमले और भारत-पाकिस्तान में
बढ़ते तनाव के बीच पर्यटकों से अपील है कि वह जागरूक रहें। तुर्किये और अजरबैजान
ने पाकिस्तान के लिए समर्थन दिया है। इसलिए हम अपील करते हैं कि वहां तभी जाएं,
जब बेहद जरूरी हो।"
भारत पाकिस्तान
के बीच तनाव के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए तुर्की की इनोनू
यूनिवर्सिटी (Inonu University)के साथ अपना शैक्षणिक समझौता
(MoU)समाप्त कर दिया है. यूनिवर्सिटी का कहना है कि यह
निर्णय तुर्की की ओर से पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने के कारण लिया गया है.
जिसके बाद तुर्की की इनोनू यूनिवर्सिटी काफी चर्चा में है. आइए आपको बताते हैं कि
इस यूनिवर्सिटी में किस चीज की पढ़ाई होती है?
तो आपको बता दें
कि इनोनू यूनिवर्सिटी तुर्किये के मालात्या शहर में स्थित है. इस विश्वविद्यालय
की स्थापना 1975 में हुई थी. इसका नाम तुक्रिये के
दूसरे राष्ट्रपति इस्मेत इनोनू के नाम पर रखा गया है. यह विश्वविद्यालय तुक्रिये
के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है.यहां पर कई ग्रेजुएट,पोस्ट ग्रेजुएट और डॉक्टरेट के कोर्सेज कराए जाते हैं. विश्वविद्यालय में
16 संकाय,4 पोस्ट ग्रेजुएशन स्कूल और
कई अनुसंधान केंद्र हैं. यहां एडमिशन से संबंधित जानकारी विश्वविद्यालय की
आधिकारिक वेबसाइट inonu.edu.tr पर ऑनलाइन देखी जा सकती है.
इनोनू यूनिवर्सिटी में क्या होती है पढ़ाई/लढाई
इनोनू यूनिवर्सिटी मेडिसिन (MBBS के समकक्ष),नर्सिंग,फार्मेसी,डेंटल हेल्थ और फिजियोथेरेपी की पढ़ाई
होती है.इस संस्थान को तुर्किये की हेल्थ एजुकेशन के मायने में बेहतरीन संस्थान
माना जाता है.इनोनू यूनिवर्सिटी का टुर्गुत ओजल मेडिकल सेंटर यहां का एक प्रमुख
अस्पताल है.यहां पर इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के कोर्सेज जैसे सिविल
इंजीनियरिंग,मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल
और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग,कंप्यूटर इंजीनियरिंग भी
कराया जाता है.इसके अलावा इस यूनिवर्सिटी में भौतिकी,रसायन
विज्ञान,जीव विज्ञान,गणित,इतिहास,भूगोल,तुर्की भाषा और
साहित्य, समाजशास्त्र,दर्शनशास्त्र आदि
के कोर्स भी कराए जाते हैं.विश्वविद्यालय में अधिकांश पाठ्यक्रम तुर्किये भाषा में
पढ़ाए जाते हैं, लेकिन कुछ स्नातकोत्तर और अनुसंधान
कार्यक्रम अंग्रेजी में भी उपलब्ध हैं.अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए तुर्की भाषा
प्रवीणता (TOMER प्रमाणपत्र) अनिवार्य है
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