२६/11 के मुंबई हमले का राणा... खायेगा, भारतीय जेल चक्की खाना - 26/11 Mumbai attack mastermind Rana...will eat chakki khana in Indian jail...
Tehvvur Rana, the mastermind of 26/11 Mumbai terror attacks...is crazy about the hanging noose...
२६/११ मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा...है फांसी के फंदे का दीवाना...
नई दिल्ली : भारत की आर्थिक कॅपिटल मुंबई पर 2008 में हुए आतंकीवादी हमलों की साजिश रचने वाला तहव्वुर राणा भारत खीच कर लाया गया. भारत 17 वर्षों से राणा और उसके साथी डेविड कोलमैन हेडली के प्रत्यर्पण की कोशिश में था, जो अमेरिका में गिरफ्तार हुए थे. हेडली के मामले में भारत को खास सफलता नहीं मिली है, तहव्वुर राणा के मामले में अमेरिका की निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के दावों को जानते हुए उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी. जांचकर्ताओं का मानना है कि तहव्वुर राणा ने कंसल्टेंसी फर्म की आड़ में ही डेविड हेडली से रेकी का काम कराया. 2008 में मुंबई में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने घुसकर शहरभर में हमले किए थे. इन हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों और कुछ यहूदियों समेत 166 लोग मारे गए थे.
तहव्वुर राणा ने अपनी कंसल्टेंसी फर्म्स में डेविड हेडली को भी नौकरी दी. इसी फर्म की मुंबई शाखा के काम के लिए डेविड हेडली मुंबई आया था और यहां लश्कर-ए-तयैबा के आतंकी हमलों की तैयारी के लिए मुंबई में ताज महल होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसी प्रमुख जगहों की रेकी की थी.
उसे स्पेशल प्लेन से भारत लाया गया. राणा के दिल्ली पहुंचने पर उसे न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की संभावना है. संभवतः राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाएगा. तहव्वुर राणा पहले पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था. बाद में उसने सेना की नौकरी छोड़ दी और कनाडा में नागरिकता लेकर इमिग्रेशन का बिजनेस शुरू किया. वह 26/11 मुंबई हमले के सपोर्ट साजिशकर्ता के रूप में शामिल था.तहव्वुर राणा ने काफी पहले पाकिस्तान छोड़ दिया था और विदेश चला गया था. बाद में वह कनाडा का नागरिक बन गया.
पाकिस्तान ने राणा से पल्ला झाड़ते हुए उसकी नागरिकता और संबंधों से खुद को अलग कर लिया है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, तहव्वुर राणा ने पिछले 2 दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिनिव नहीं कराया है. पाकिस्तान का उससे कोई लेना देना नहीं है. वह एक कनाडा का नागरिक है.
खुद को राणा से अलग करने का पाकिस्तान का दावा इसलिए भी कमजोर दिखता है क्योंकि पाकिस्तान अपने नागरिकों को दो नागरिकता रखने की अनुमति देने वाला देश है. इसके चलते पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान के अलावा, कनाडा की नागरिकता भी एक साथ रख सकता है. जाचकर्ताओं का मानना है कि इन तथ्यों के चलते पाकिस्तान का राणा से संबंध आसानी से टालना मुश्किल है.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें