पहलगाम हमले के आतंकी पाकिस्तानी नागरिक है - ट्रंप फिर बडबडाया...Pahlgam Hamle ke Atanki Pakistani Nagrik hai - Trump fir Badbadaya...
पहलगाम हमले के आतंकी पाकिस्तानी ही है...
दस्तावेज,फोरेंसिक जांच और विभिन्न लोगों की गवाही से ये साबित हुआ कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकी ही पहलगाम आतंकी हमले के पीछे थे और लश्कर एक तोयबा के खतरनाक आतंकी थे. पहलगाम हमले के बाद से ही वे दाचिगाम-हरवान के जंगलों में छिपे हुए थे. सुरक्षाबलों और खुफिया विभाग को आतंकियों के जंगल में छिपे होने की जानकारी मिली, जिसके बाद कई दिनों तक आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि के लिए गुप्त अभियान चलाया गया। जब पुष्टि हो गई तो ऑपरेशन महादेव शुरू किया गया.
मारे गए आतंकियों की पहचान सुलेमान शाह उर्फ फैजल जट्ट (ए प्लस प्लस ग्रेड आतंकी), अबु हमजा उर्फ अफगान (ए ग्रेड आतंकी) और यासी उर्फ जिब्रान (ए ग्रेड आतंकी) के रूप में हुई। आंतकियों के पास से सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान के वोटर आईडी कार्ड, पाकिस्तान के चुनाव आयोग द्वारा जारी पर्ची, वोटर आय.डी.नंबर, सैटेलाइट फोन से मिला माइक्रो एसडी कार्ड, जिसमें आतंकियों के परिवार के बारे में भी जानकारी है. साथ ही आतंकियों के पास से कराची में बनी चॉकलेट के खाली पैकेट मिले.इन्वेस्टिगेशन में पता
चला कि आतंकी गुरेज सेक्टर से भारतीय सीमा में घुसे थे. खुफिया विभाग ने आतंकियों की
रेडियो पर हुई बातचीत को ट्रैक किया. 21 अप्रैल को आतंकी
बायसरन से दो किलोमीटर दूर ढोक इलाके में पहुंचे. दो
कश्मीरी निवासियों ने आतंकियों को पनाह और खाना देने की बात कबूली है. पहलगाम
आतंकी हमले के दिन आतंकी पैदल ही बायसरन घाटी पहुंचे.
हमले के बाद आतंकी उत्तर पूर्वी इलाके दाचिगाम की तरफ निकल गए थे. सरकार ने पहलगाम
आतंकी हमले के दौरान चली गोलियों के कारतूस और ऑपरेशन महादेव में आतंकियों द्वारा
चला गई गोलियों के कारतूस को फोरेंसिक जांच के लिए भिजवाया, जहां से पुष्टि हुई कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन महादेव में शामिल
आतंकियों द्वारा एक ही राइफल्स से गोलियां चलाईं गईं थी.
डोनाल्ड ट्रंप को फिरसे आया झटका...
अमेरिकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया के कई संघर्षों को रोकने का श्रेय
लिया, जिसमें भारत और पाकिस्तान के
बीच हुआ संघर्ष भी शामिल है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच
संघर्ष को व्यापार के जरिये सुलझाया.10 मई को,
जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि अमेरिका की मध्यस्थता
में रातभर हुई बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम के लिए
सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने कई मौकों पर अपने इस दावे
को दोहराया है.
ट्रंप ने कहा, 'मैंने यह व्यापार के जरिये किया। मैंने कहा- लड़ना है तो लड़ो, लेकिन हम तब तक कोई व्यापार नहीं करेंगे जब तक शांति नहीं होती.' इसके बाद, उनके मुताबिक, देश लड़ना बंद कर देते हैं. उन्होंने दावा किया कि वे हर महीने औसतन एक युद्ध खत्म करवाते रहे हैं. आप जानते हैं, हम लाखों लोगों की जान बचा रहे हैं.व्हाइट हाउस की एक प्रेस वार्ता में कैरोलिन लेविट ने कहा कि ट्रंप ने थाईलैंड-कंबोडिया, इस्राइल-ईरान, रवांडा-कांगो, भारत-पाकिस्तान, सर्बिया-कोसोवो, और मिस्र-इथियोपिया जैसे देशों के बीच संघर्ष खत्म करवा दिए हैं. उन्होंने कहा कि ट्रंप अपने छह महीने के कार्यकाल में हर महीने औसतन एक शांति समझौता करवा चुके हैं. उनका कहना था कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना ही चाहिए.
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