ट्रंप को चाहिये नोबेल शांति पुरस्कार - किया इसलिये भारत पर वार - पाकिस्तान से है प्यार...
नई दिल्ली: भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगा चुके अमेरिका ने इसे और बढ़ाने का ऐलान किया है. बुधवार
को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत और
अतिरिक्त शुल्क लगा दिया, जो 27 अगस्त
से प्रभावी हो सकता है. हालांकि, इसकी वजह ट्रंप रूस से तेल
खरीदना बता रहे हैं. वहीं, जानकारों का मानना है कि इसकी एक
वजह भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का श्रेय हो सकती है.
साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कूगलमैन ने कहा, 'दुर्भाग्य से बीते कुछ दिनों से जारी घटनाक्रमों को देखते हुए ये नई
घोषणा बिल्कुल भी हैरान करने वाली नहीं है.' राष्ट्रपति भी टैरिफ लागू करने
के लिए पूरी तरह तैयार नजर आ रहे हैं.
भारत और अमेरिका के रिश्तों को संभावित हानिकारक प्रभाव के बावजूद मेरे लिए यह
हैरानी की बात नहीं है कि राष्ट्रपति ने अपनी धमकी पर अमल करने का फैसला किया.
जब सवाल किया गया कि रूसी तेल खरीदने पर क्यों ट्रंप भारत को निशाना बना रहे हैं और चीन को नहीं. इसपर कूगलमैन ने कहा, '...चीन ने खुलकर सामने आकर राष्ट्रपति ट्रंप को सीजफायर में उनकी भूमिका का श्रेय लेने से इनकार नहीं किया। चीन की तरफ से किसी नेता ने ट्रंप के साथ फोन पर लंबी बात नहीं की और नहीं बताया कि क्या सही है और क्या गलत. उन्होंने कहा, 'भारत के मामले में ऐसा हुआ है. तो मुझे लगता है कि शायद यही वजह है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपनी नाराजगी व्यापार और और शुल्क के जरिए भारत और भारत सरकार पर निकालेंगे.
ट्रंप की तरफ से आदेश जारी होने के कुछ ही देर बाद, भारत ने कहा कि वाशिंगटन ने रूस से उसके तेल आयात को 'निशाना' बनाया है और वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए 'सभी आवश्यक कार्रवाई' करेगा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ऐसी खरीद कर रहे हैं तथा इस मुद्दे पर उसे निशाना बनाए जाने पर निराशा व्यक्त की. ट्रंप का अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला 21 दिनों के बाद लागू होगा जिसके बाद कुछ भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा. अमेरिका द्वारा लगाए गए इस शुल्क से कपड़ा, चमड़ा जैसे क्षेत्रों पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है.
पाकिस्तानी सेना के चीफ आसिम मुनीर एक बार फिर अमेरिका जाने वाले हैं. उनका यह दौरा इसी महीने होगा. दो महीने के भीतर ये उनका दूसरा अमेरिकी दौरा होगा. इससे अमेरिका और पाकिस्तान के बीच लगातार गहराते द्विपक्षीय संबंधों के संकेत मिल रहे हैं. आसिम मुनीर इस साल जून महीने में पाकिस्तान के पांच दिवसीय दौरे पर गए थे. उन्होंने इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच भी किया था. दोनों की मुलाकात लगभग दो घंटे की थी. बाद में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली ने बताया था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जनरल मुनीर को मिलने के लिए इसलिए बुलाया क्योंकि मुनीर ने ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश की थी.
KBKK - खबर बाल की खाल
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें