बादल फटने से कई लोगों की मौत - उत्तराखंड सरकार ने किया बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी...Badal Fatane SeKai Logo ki Maut - Uttarakhans Sarkar ne kiya Barish Ka Orange Alert Jari
उत्तरकाशी में कल और परसों के
लिए भी हो सकता है बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी...
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने कई गांवों को तबाह कर दिया. कुछ ही समय में मार्केट-घर और होटल मलबे और बाढ़ के पानी में डूब गए. कई इमारतें मलबे से ढक गईं. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भी बादल फटने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, वाराणसी, और लखनऊ समेत 14 जिलों में बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए हैं जहां नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. बिहार में नेपाल से आने वाली नदियों जैसे कनकई और मेची के उफान पर होने से किशनगंज और आसपास के इलाकों में फसलें बर्बाद हो गई हैं. राजस्थान में जैसलमेर और बाड़मेर में भारी बारिश ने सड़कों को नदियों में बदल दिया.
राजस्थान में जैसलमेर और बाड़मेर में भारी बारिश ने
सड़कों को नदियों में बदल दिया. मौसम विभाग ने पश्चिमी राजस्थान के लिए रेड अलर्ट जारी
किया है. दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश से जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या है.
उधर त्रिपुरा और असम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त
कर दिया है. हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन से सड़कें बंद हैं. और केदारनाथ
हाईवे पर यातायात प्रभावित हुआ है. मौसम विभाग ने ताजा अपडेट में 6 अगस्त 2025 को कई राज्यों में
भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
अभी भी रेस्क्यू अभियान जारी है. कुछ ही घंटों में मार्केट-घर और होटल मलबे और बाढ़ के पानी में डूब गए. कई इमारतें मलबे से ढक गईं. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भी बादल फटने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, वाराणसी, और लखनऊ समेत 14 जिलों में बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए हैं जहां नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. बिहार में नेपाल से आने वाली नदियों जैसे कनकई और मेची के उफान पर होने से किशनगंज और आसपास के इलाकों में फसलें बर्बाद हो गई हैं.
इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर तैयार हैं. सरसाव, चंडीगढ़ और बरेली एयरबेस से 2 चिनूक, 2 Mi-17V5, 2 चीता और एक ALH रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैयार हैं. हेलिकॉप्टर मौसम खराब होने के चलते उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर अपने अपने होम बेस से हर्षिल जाएंगे फिर जरूरत के हिसाब से रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल होंगे.
धराली गांव में आई विनाशकारी बाढ़ का कारण बादल फटना नहीं था. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बाढ़ ऊपर की ओर किसी ग्लेशियर के टूटने या ग्लेशियर झील के फटने से आई. पहले बादल फटने की आशंका जताई जा रही थी. लेकिन मौसम और सैटेलाइट से मिले डेटा का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी है. जब पहाड़ों पर बर्फ पिघलकर पानी जमा हो जाता है और वह अचानक नीचे की ओर बहता है, तो बाढ़ आ सकती है. भारी बारिश के बिना भी ऐसा हो सकता है.
उत्तराखंड सरकार ने आपदा निधि से राहत और बचाव के लिए 20 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है. मंगलवार को सांसद अनिल बलूनी त्रिवेंद्र सिंह रावत और माला राज्य लक्ष्मी शाह ने केंद्रीय गृहमंत्री से भेंट की उत्तरकाशी हादसे पर इस दौरान विस्तृत जानकारी दी गई. इसके साथ ही केंद्र सरकार से सहयोग का आग्रह किया गया है.
KBKK - खबर बाल की खाल
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें