कैप्टन शुभांशु शुक्ला सह्कुशल भारत माता की गोद में - kaptan shubhanshu shukla sahkushal bharat mata ki goad me...

 लखनऊ: अंतरिक्ष से भारत के लिए एक और गौरव की खबर आई है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जिन्होंने एक्सिओम मिशन-4 के तहत 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर बिताए, अब सकुशल पृथ्वी पर लौट आए हैं. वे अंतरिक्ष से लौटने वाले पहले लखनऊवासी और देश के गिने-चुने अंतरिक्ष यात्रियों में से एक बन गए हैं. उनके इस मिशन की सफलता पर न केवल उनके परिवार में बल्कि लखनऊ और खासतौर से उनके स्कूल सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) में खुशी और गर्व का माहौल है

इंडिया ने चार दशक बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में वापसी की है. एक्सिओम-4 मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) से सफलतापूर्वक धरती पर लौट आए हैं. उनके लौटने से देश में खुशी का माहौल है. वहीं, ग्रुप कैप्टन शुक्ला और उनकी टीम को देशभर से शुभकामनाएं दी जा रही हैं. देश के राजनेताओं की ओर से भी इस मिशन की कामयाबी पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.

राष्ट्रपति मुर्मू: शुभांशु शुक्ला का धरती पर स्वागत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष यात्रा के बाद धरती पर स्वागत है. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक्सिओम-4 मिशन में उनकी भूमिका ने भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है. इस मिशन से जुड़े लोगों को मेरी बधाई...

पीएम मोदी: करोड़ों भारतीय लोगों को शुभांशु शुक्ला ने प्रेरित किया
वहींप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, 'मैं पूरे देश की तरफ से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से धरती पर लौटे हैं. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपनी मेहनत, साहस और नए रास्ते खोलने की भावना से एक अरब लोगों के सपनों को प्रेरित किया है. यह हमारी अपनी मानव अंतरिक्ष उड़ान योजना 'गगनयान' की ओर एक और बड़ा कदम है.'

राजनाथ सिंह: भारतीय के लिए गर्व का क्षण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की एक्सिओम-4 मिशन के तहत सफल वापसी हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने न केवल अंतरिक्ष को छुआ है, बल्कि भारत की आकांक्षाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. उनका अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक का सफर सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि भारत की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का भी बड़ा कदम है। उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों में ढेर सारी सफलता की कामना करता हूं.

देवेंद्र फडणवीस: गगनयान की दौड़ में एक महत्वपूर्ण कदम 
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर लिखा, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रचा. उन्हें उनके ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन के सफल समापन पर हार्दिक बधाई. आईएसएस पर जाने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने पूरे देश को गौरवान्वित किया है और अपने साहस, समर्पण और अग्रणी भावना से अनगिनत सपनों को प्रज्वलित किया है. यह भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन 'गगनयान' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है...

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ के त्रिवेणी नगर इलाके में हुआ है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के प्रतिष्ठित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के अलीगंज ब्रॉन्च से की. बचपन से ही पढ़ाई और विज्ञान में गहरी रुचि रखने वाले शुभांशु को स्कूल के दिनों से ही अनुशासन, परिश्रम और तकनीकी समझ के लिए जाना जाता था। CMS, जिसकी स्थापना 1959 में मात्र 5 छात्रों के साथ हुई थी, आज दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल माना जाता है और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। शुभांशु जैसे छात्रों की उपलब्धियों ने इस स्कूल की प्रतिष्ठा में और वृद्धि कर दी है...

स्कूल की पढ़ाई के बाद शुभांशु ने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA), पुणे से B.Tech किया और फिर IISc बेंगलुरु से M.Tech की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया और Su-30 MKI, मिग-29, जैगुआर, हॉक जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों को उड़ाने का अनुभव हासिल किया। 2019 में उन्हें भारत के गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयनित किया गया और रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण मिला...

अंतरिक्ष से ऐतिहासिक सुरक्षित घर वापसी...

2024 में शुभांशु शुक्ला को Axiom Mission-4 में बतौर पायलट शामिल किया गया. यह मिशन NASA, SpaceX और Axiom Space के साथ मिलकर चलाया गया, जिसमें वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और अध्ययनों में शामिल रहे.

इस मिशन को अभूतपूर्व बताते हुए केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि कक्षीय प्रयोगशाला में अपने प्रवास के दौरान शुक्ला द्वारा किए गए प्रयोग न केवल भारतीयों के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए उपयोगी होंगे। सिंह ने कहा, ‘‘यह भारत के लिए अत्यंत खुशी का क्षण है कि भारत माता का एक योग्य सपूत आज सफलतापूर्वक लौट आया है.’’

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