सीक्रेट ऑफ़ पाकिस्तानी किराना हिल्स - भारत ने किया अन्दर ड्रिल - Secret of Pakistani Kirana Hills - India drilled inside

किराना हिल्स - पाकिस्तानी चूहों का खुफिया बिल 

सोशल और मेन स्ट्रीम मीडिया पर आज एक चर्चा सुर्ख़ियों में बनी हुई है. पाकिस्तान के सरगोधा एयर बेस के काफी करीब किराना हिल्स, जहां पहाड़ियों के अंदर सुरंगों में पाकिस्तानी परमाणु हथियारों को रखा गया है, वहां से भारत के मिसाइल हमले के बाद न्यूक्लियर रेडिएशन निकल रही हैं. किराना को अमेरिका के एरिया 51 के हिसाब से तैयार किया गया है ताकि काले पहाड़ों के अंदर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का सीक्रेट कभी बाहर ना आ जाए. ये इतिहास और तथ्य बताते हैं कि किराना की पहाड़ियां वाकई पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण हैं. शायद अमेरिका को भी किराना का सच मालूम था. इसी वजह से पाकिस्तान ने परमाणु रेडिएशन की अफवाह से किराना का नाम जोड़ा ताकि दुनिया उसके झूठ पर भरोसा कर सके.

किराना हिल्स गुफाओं का राज - खुलेगा आज 

दरअसल, 12 मई को एक प्रेस ब्रीफिंग में बोलते हुए भारत के एयर ऑपरेशन के महानिदेशक एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा था कि "हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है." उसी प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था कि "हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में परमाणु प्रतिष्ठान हैं। हमें इसकी जानकारी नहीं थी।" उन्होंने जिस अंदाज में ये बात कही थी, उससे सोशल मीडिया को और एक्टिव कर दिया. किराना की पर्वत श्रृंखला को ब्लैक माउंटेन यानी काले पहाड़ कहा जाता है. इन पहाड़ियों के अंदर कई गुफाएं हैं और कहा जाता है 80 के दशक में पाकिस्तान ने इन्हीं गुफाओं के जरिए एक ऐसा नेटवर्क बनाया, जहां पाकिस्तान के परमाणु हथियार रखे गए ये गुफाएं जमीन में सैकड़ों  फीट अंदर तक मौजूद हैं.

परमाणु माल छुपाके रखती अन्दर - उसे कहते है पाकिस्तानी बन्दर 


ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में संवेदनशील परमाणु स्थलों पर बमबारी की गई थी. लेकिन सोशल मीडिया पर कई जानकार लगातार दावे कर रहे हैं कि किराना हिल्स को निशाना बनाया गया है, जहां पाकिस्तान ने अपने कुछ परमाणु हथियार रखे थे या फिर जहां पाकिस्तान का न्यूक्लियर ठिकाना है. दावा किया जा रहा है कि भारत की बमबारी के बाद रेडियोएक्टिव लिकिंग शुरू हो गया है और अमेरिका ने रेडिएशन की जांच करने वाले अपने एक विमान को उस साइट पर भेजा है. अब अमेरिका का भी इसपर बयान आ गया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने इन आरोपों पर पहली बार बयान दिया है की कैसा कुछ भी नही है. इसे कहते है "चोर-चोर मौसेरे भाई" 

अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों को रखा ताक़ पर - क्या नही है उसको किसी का डर?

भारत के साथ होड़ में पाकिस्तान ने अपनी परमाणु ताक़त को हासिल करने के लिए क्या नहीं किया. यहां तक कि चोरी और तस्करी भी. पाकिस्तान की परमाणु ताक़त के पिता माने जाने वाले वैज्ञानिक अब्दुल क़ादिर ख़ान पर टैक्नोलॉजी की चोरी के कई आरोप लगे. जैसे यूरोपियन कंपनी URENCO से यूरेनियम एनरिचमेंट से जुड़े ब्लूप्रिंट की चोरी तक. इसी कंपनी में अब्दुल क़ादिर ख़ान काम किया करते थे. अब्दुल क़ादिर ख़ान ने ये भी माना कि न्यूक्लियर टैक्नोलॉजी को उन्होंने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया तक को पहुंचाया जो अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का घोर उल्लंघन है. खैर चोरी से हासिल इस टैक्नोलॉजी के दम पर पाकिस्तान हमेशा भारत को धमकाने की कोशिश करता रहा है.

नही सहेगा पाकिस्तान का न्यूक्लियर ब्लैकमेल - ख़तम करेगा भारत ये खेल 

आज आदमपुर एयरबेस से प्रधानमंत्री ने एक बार फिर साफ़ किया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में आतंक के आकाओं को अब समझ आ गया है कि भारत की ओर नज़र उठाने का एक ही अंजाम होगा, तबाही. ज़ुल्म ढाने का एक ही अंजाम होगा, विनाश और महाविनाश. उन्होंने भारत द्वारा बनाए गए न्यू नॉर्मल में जिन तीन सूत्रों का ज़िक्र किया उसमें ये भी शामिल है कि भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं सहेगा. PM मोदी ने कहा कि पहला भारत पर आतंकी हमला हुआ, तो हम अपने तरीके से , अपनी शर्तों पर, अपने समय पर जवाब देेंगे. दूसरा कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा. तीसरा हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग अलग नहीं देखते.

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