IMF के दूध का कर्ज - पाक साप की है ये अर्ज - आतंकवाद करेगा दर्ज
पाकिस्तान दुनिया का नेता है - IMF उसकी लेता है.
जब पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर हमले हो रहे थे, तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने आतंक के कॉलेज देश को आर्थिक दान देने के लिए एक अरब डॉलर के लोन की मंजूरी देकर दुनियाभर में थू थू करवाई थी, लेकिन अब उसे भी पाकिस्तान का असली खेल शायद समझ आ गया है और ग्लोबल लेवल ने बेलआउट की अगली किस्त जारी जारी करने से पहले 11 नई शर्तें लगा दी हैं. यही नहीं पाकिस्तान के लिए बड़ी चेतावनी भी जारी की है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार यह बात कह रहे थे कि आईएमएफ को पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज पर फिर से सोचना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहयोग की राशि को आतंकवाद पालने-पोसने में इस्तेमाल करता रहा है. भारत के इस स्टैंड को एक मायने में सक्सेस मिलती हुई दिखाई दे रही है क्योंकि आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए ग्यारह नए प्रतिबंधों का एलान कर दिया है. अब पाकिस्तान को घरेलू मोर्चे पर न केवल कुछ नए टैक्स लगाने होंगे, बल्कि उसके द्वारा दिए जा रहे सहयोग का विस्तृत लेखा-जोखा पेश करना होगा. इस कोशिश से आईएमएफ के द्वारा दिए गए धन का किसी भी तरह दुरुपयोग करने पर रोक लग सकती है....शायद?
भारत की कोशिश -आतंकवाद न उठाये शीष
भारत ने अपने सांसदों के सात प्रतिनिधिमंडल को विदेशों में भेजकर विश्व समुदाय का ध्यान आतंकवाद की मूल लफड़े की तरफ लाने की योजना बनाई है. इसके लिए सांसदों के नाम और देशों की लिस्ट को भी अंतिम रूप दे दिया गया है. भारत पाकिस्तान को आतंकवाद को पालने वाले देश के रूप में प्रस्तुत करता रहा है, जो पूरी दुनिया जानती है. अपनी इस कोशिश में भारत को सफलता भी मिली है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को कर्ज प्राप्त करने में जिन मुश्किल भरी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, उसके पीछे खुद पाकिस्तान की अपनी खुजली के साथ-साथ भारत के इसी प्रयास को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. भारत का प्रतिनिधिमंडल अपनी विदेश यात्रा में इसी बात का प्रयास कर सकता है कि विश्व समुदाय पाकिस्तान के इस आतंकवाद के समर्थक रूप को पहचाने या खुद को मुर्ख घोषित करे.
पाकिस्तान हो जायेगा बे-नकाब
खबर है कि पाकिस्तान भी भारत की तर्ज पर दुनिया के तमाम देशों में अपने प्रतिनिधि मंडल भेजकर अपना पक्ष रखने की कोशिश करेगा। बिलावल भुट्टो इस अभियान के अगुवा हो सकते हैं. उसकी कोशिश पाकिस्तान को आतंकवाद पीड़ित देश दिखाने की हो सकती है जब की पाक आतंकवादियों का अड्डा है. भारत ने आईएमएफ और दूसरी संस्थाओं को लगातार बताया है कि पाकिस्तान कर्ज के पैसे से आतंकवाद का ढांचा मजबूत करेगा। इसके बाद IMF ने भारत के साथ तनाव पर पाकिस्तान को चेतावनी दी है और उस पर कई शर्तें लगाई हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो पाकिस्तान के एक अरब डॉलर- साढ़े आठ हजार करोड़ के बेलआउट प्रोग्राम की अगली किस्त रोकी जा सकती है.
आतंक का दूसरा नाम पाकिस्तान - पाकिस्तान
अब कर्ज लेने के लिए पाकिस्तान पर कुल शर्तें 50 हो गई हैं. बेलआउट प्रोग्राम की पहली समीक्षा बैठक में आईएमएफ ने कहा कि अगर तनाव जारी रहा या और बढ़ा, तो पाकिस्तान का रक्षा बजट लोन पर बोझ बन सकता है. ये पहले ही 12 फीसदी बढ़कर करीब दो लाख 40 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपया हो चुका है. पाकिस्तानी सरकार इसे 18 पीसदी बढ़ाकर ढाई लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपया करने पर अड़ी है. आईएमएफ इसे फंड के दुरुपयोग होने का संकेत मान रहा है.
आईएमएफ की कार्यकारी बोर्ड की मीटिंग में भारत ने पाकिस्तान को दी जा रही फंडिंग पर चिंता जताई और कहा कि इसका इस्तेमाल पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद फैलाने के लिए करता है। भारत समीक्षा पर वोटिंग का विरोध करते हुए उसमें शामिल नहीं हुआ। इससे पहले भी पाकिस्तान को कर्ज देने के मामले पर भी भारत ने वोटिंग का बहिष्कार किया था
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालत ख़राब है. बची हुई इज्जत भारतीय सेना ने उतार दी. अब जिस IMF के भरोसे अपनी अंतिम सांस ले रहा है. उसे भी सारा लफड़ा समझ आ चुका है. यही वजह है कि बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने से पहले 11 नई शर्तें लगाई हैं. साथ ही भारत को लेकर कड़ी चेतावनी भी दी है. अगर पाक इन शर्तों को नहीं मानता है, तो भविष्य में पाकिस्तान का आर्थिक दिवालिया घोषित होना फिक्स है.
KBKK- खबर बाल की खाल
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