भगोडा जाकीर नाईक - रिटर्न टू पाकिस्तान, फिरसे...
एक अक्टूबर २०२४ को पाकिस्तानी सरकार ने बडी इज्जत देकर जाकीर भाय को पाकिस्तान मे अपना उच्चतम ज्ञान बाटने हेतू बुलाया था. भाय ने एअरपोर्ट पर ही १००% लगेज कन्सेशन मांग लिया तो पाकिस्तानी एअरपोर्ट अथाॅरीटी ने उसकी इज्जत निकालकर बाईज्जत उसे कम वेल किया.
पुरा महिना वह पाकिस्तान मे अपना ज्ञान? बाटते हुये जगह-जगह जलील हो रहा था. पाकिस्तान कि आम जनता और खासकर यंग जनरेशन ने उसे ऐसे-ऐसे सवाल पुछे थे कि वह बौख्ला गया था. उसे लगा था कि भारत कि तरह यहां भी वह अपनी दुकान चमका डालेगा, लेकीन वह भूल गया था कि यह देश ९९% मुस्लीम है और इस्लाम कि जानकारी बच्चा बच्चा सच्चा-सच्चा रखता है. तो फिर क्या था, हर जगह-जगह उसे मुँह कि खानी पडी. आखिर एक महिने बाद जैसे तैसे अपना काला मुँह लेकर छुपते-छुपाते भाय साब पाकिस्तान से नदारद हो गये - लेकीन रुको!, क्लायमेक्स तो अभी बाकी है मेरे दोस्त .....
अचानक बिन बुलाये जाकीर नाईक कल पाकिस्तान मे टपक पडे और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जाकर मिले. पता नही चल पा रहा है कि वह किस हेतू मिलने आये है, गुप्तगू यह भी है कि भगोडे को नये आशियाने कि शायद तलाश है? कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों का कहना है कि उसे मलेशिया से भी भागने कि नौबत आन पडी है और वो पाकिस्तान को अपना परमनंट अड्रेस बनाने कि चाह शायद रख रैला है.....अपुन को क्या पडी है ,अपुन तो बस बाल कि खाल निकाल रहे थे ... फिर मिलते है अगली खबर के साथ - रखने बाल के खाल कि बात.....
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